शासकीय संस्कृत महाविद्यालय से उपाधि प्राप्त पंडित अभिषेक गुरुजी से आज अपनी कुंडली दिखाएँ और सभी दोषों के बारे में अधिक जानें। उनका पूरी विधि विधान से निवारण करवाएँ। अपनी पूजा के लिए कॉल करें:+916265290796।
कालसर्प दोष पूजा को कालसर्प योग भी कहा जाता है। कालसर्प पूजा तब होती है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आते हैं|कालसर्प हानि, दुविधा, बाधा को सूचित करता है. कुंडली में कालसर्प होने से कितने लोगो को कष्ट हुवा है|कालसर्प पूजा उज्जैन दोष निवारण के लिए की जाने वाली पूजा व्यक्ति की अनुपस्थिति में भी की जा सकती है|
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मंगल पूजा उज्जैन तब की जाती है जब व्यक्ति के जीवन में विवाह संबंधी समस्याएं होती हैं। मंगलनाथ मंदिर इस पूजा के लिए प्रसिद्ध है. यह मंगल ग्रह के साथ जुड़ा हुआ है। मंगल आत्म-सम्मान, स्वभाव, अहंकार और संघर्ष का प्रतिनिधित्व करता है।विवाह पर इसका प्रभाव समस्याएं ही बढ़ाता है, मंगल पूजा कर के यह दोष दूर किया जाता है|
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पितृदोष पूजा करने से सभी दोषो का निवारण हो जाता है.अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद विधि से अंतिम संस्कार न किया जाए तो पितृदोष होता है, या फिर किसी की अकाल मृत्यु हो जाए तो व्यक्ति के परिवार को कई पीढ़ियों को तक पितृदोष के परिणाम झेलने पड़ते है| इससे मुक्ति के लिए पितृदोष पूजा उज्जैन की जाती है|
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यह एक मंत्र है जिसे पुनर्जीवित करने के लिए कहा जाता है, स्वास्थ्य, धन, एक लंबा जीवन, शांति, समृद्धि और संतुष्टि प्रदान करता है। प्रार्थना भगवान शिव को संबोधित किया जाता है। इस मंत्र का जप करके, दिव्य वाइब्रेशन उत्पन्न होते हैं, जो सभी नकारात्मक और दुष्ट सेनाओं को बंद करते हैं और एक शक्तिशाली सुरक्षात्मक ढाल बनाते हैं।पंडितजी ने कई लोगोंको महामृत्युंजय जप पूजा करके लाभ दिलवाये है|
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नवग्रह नौ ब्रह्मांडीय वस्तुएं हैं और ऐसा कहा जाता है कि इनका मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। ये नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू और केतु हैं।नवग्रह नौ ब्रह्मांडीय वस्तुएं हैं और ऐसा कहा जाता है कि इनका मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। ये नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू और केतु हैं।
Call Now know moreभक्तो के लिए भगवान शिव के अनंत नाम है उन्ही नामों में से एक प्रसिद्ध नाम है 'रूद्र'। और भगवान शिव का रूद्र रूप का अभिषेक ही रुद्राभिषेक कहलाता है, इस पूजन में शिवलिंग को पवित्र स्नान कराकर पूजा और अर्चना की जाती है। यह हिंदू धर्म में पूजन के शक्तिशाली रूपों में से एक है और ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव अत्यंत उदार भगवान है और बहुत ही आसानी से भक्तो से प्रसन्न हो जाते हैं।
Call Now know moreहिंदू धर्म के अनुसार सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष फल मिलता है। भगवान शिव अपने भक्तों के सुख-दुख का पूरा ध्यान रखते हैं। सावन में शिव पूजा से शनि के प्रकोप से भी बचा जा सकता है। मान्यता है कि भगवान शिव ने शनि देव को न्याय और कर्मफल का देवता बताया है। राणों के अनुसार, शनि देव भी भगवान शिव की पूजा करते हैं। शिवजी की पूजा करके हम शनि देव की कुदृष्टि से बच सकते हैं।
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वर्तमान समय में मनुष्य के जीवन में उसके घर, कार्यालय एवं व्यावसायिक प्रतिस्थान का उसके जीवन में विशेष महत्त्व है, लेकिन कई बार स्थान के आभाव या दिशाओ की जानकारी न होने के कारण कुछ निर्माण देखने में बहुत सुन्दर प्रतीत होते है लेकिन वह किसी किसी के लिए लाभकारी सिद्द नहीं होते है|
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कुंडली को 12 भावो मे से किसी भी भाव मे गुरु + राहु या केतु बेठ जाए तो कुंडली मे गुरु चाण्डल दोष बनता है। इसका खण्डन भी होता है ,जातक अभिमान करता है।अपने ज्ञान का कि राहु अभिमान का कारक है ,और गुरु ज्ञान का इसका निवारण भी पंडित उमेश गुरुजी के दुवारा उज्जैन मे होता है।
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कुंडली के 12 भाव मे से किसी कि भाव मे राहु + शनि बेठ जाए तो कुंडली में श्रापित दोष बनता है। पुर्व जन्म मे जातक को श्राप मिला हुआ था इसलिए इस जन्म मे यह श्रापित दोष कुंडली मे विराजमान हुआ।
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कुंडली के 12 भाव मे से किसी भी भाव मे सूर्य + राहु बेठा हो या चन्द्र + राहु बेठा हो तो ये गृहण योग बनता है । मनुष्य के जीवन मे बड़ी कठिनाईया,पीड़ा ,बाधा उत्पन्न होती है।गृहण योग होने से नि: संकोच पंडित जी से संपर्क करे ।
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कुंडली के 12 भाव मे से किसी भी भाव मे राहु + मंगल हो तो कुंडली मे अंगारक दोष का निर्माण होता है। जातक को गुस्सा बहुत आता है ,करंट लगने का डर बना रहता है ।भाइयो से अनबंध बनी रहती है ।आज ही पंडित जी से संपर्क करे ऑर अपनी पुजा बूक करे।
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आपकी पूजा के विषय मे पंडित जी से बात करे और अपनी परेशानिया बताएं और उनके समाधान हेतु पूजा बुक करें।
पंडित जी द्वारा बताए गए समय पर उज्जैन पहुंचे। (आप चाहे तो घर बैठे संकल्प लेकर ऑनलाइन पूजा भी करा सकते हैं।)
निश्चित होकर पूजा सम्पूर्ण करे, पूजा से जुड़ी सभी प्रकार की सुविधा व सामग्री हमारे द्वारा उपलब्ध करवा दी जाएगी।
पूजा पूर्ण होने के बाद देवताओं का आशीर्वाद पाए और अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भरें।
अगर किसी ज्योतिषी ने या जानकार ने आपकी कुंडली में कालसर्प दोष होने की बात कही है तो घबराएं नहीं. उससे बचने का उपाय है और वाे भी बहुत आसान. जानिये क्या है उपाय कालसर्पयोग का विधान भारत मे दो जगह पर होता है नासिक ओर उज्जैन | उज्जैन में इसका महत्व इसलिए हे कि बाबा महाकाल के चरणों मे ओर शिप्रा मोक्षदायिनी के तट पर निवारण होता है। कालसर्प शांति करने से 9 विभिन्न प्रकार के सांपों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कालसर्प शांति पूजा के साथ राहु और केतु पूजा सफलता के द्वार खोलती है। नाग की सोने की मूर्ति की पूजा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
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