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श्रापित दोष पूजा

विशेष कालसर्प दोष निवारण हेतु पवित्र और पारंपरिक विधि से पूजा का आयोजन। अनुभवी पंडित द्वारा आपके जीवन की बाधाएं दूर करने की सेवा।

कालसर्प की पूजा पंडित अभिषेक गुरुजी के दुवारा

गर किसी ज्योतिषी ने या जानकार ने आपकी कुंडली में कालसर्प दोष होने की बात कही है तो घबराएं नहीं. उससे बचने का उपाय है और वाे भी बहुत आसान. जानिये क्या है उपाय कालसर्पयोग का विधान भारत मे दो जगह पर होता है नासिक ओर उज्जैन | उज्जैन में इसका महत्व इसलिए हे कि बाबा महाकाल के चरणों मे ओर शिप्रा मोक्षदायिनी के तट पर निवारण होता है। कालसर्प शांति करने से 9 विभिन्न प्रकार के सांपों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कालसर्प शांति पूजा के साथ राहु और केतु पूजा सफलता के द्वार खोलती है। नाग की सोने की मूर्ति की पूजा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

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कालसर्प दोष के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न

कालसर्प दोष तब बनता है जब सभी 9 सर्प ग्रह (राहु और केतु सहित) आपकी जन्म कुंडली में विशेष रूप से एक रेखा में संरेखित होते हैं। यह दोष व्यक्ति के जीवन में बाधाएं, तनाव और परेशानियाँ ला सकता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसे निवारण हेतु विशेष पूजा अनिवार्य मानी जाती है।

जब राहु और केतु आपकी जन्म कुंडली में विशेष स्थान पर स्थित होते हैं, और ये दोनों ग्रह सूर्य और चंद्रमा के सामने स्थित हो जाते हैं, तब कालसर्प दोष बनता है। विशेष ज्योतिषीय गणना के द्वारा इसका निर्धारण होता है।

  • जीवन में लगातार बाधाएँ आना
  • स्वास्थ्य समस्याएँ, विशेषकर मानसिक तनाव
  • विवाह, व्यवसाय या संतान सुख में परेशानियाँ
  • आर्थिक तंगी या अनिश्चितता